Monday, 18 September 2017

बेल क्या है ??

🌅🙏 बेल क्या है 🙏🌅

बेल क्या है ?
कांकण काचो सूत रो,तार ग्यारह ताम।
गांठ ईग्यारह फाबता,बांधिजे मां आई नाम।।
हाथ जीमणो पुरुष रे,स्त्री गले अनूप।
देवी अवतार नौ,अत हित चित चूप।।
डोरो आई माता रो,साचो बांधे जोय।
मन चाहा कारज सरे,विध्न न व्यापे कोय।।

जीजी (श्री आईमाताजी) बेल के ग्यारह नियम बेल आई री बांधों भाई,नेम धर्म सब पालो भाई।
परथम झूठ तजो सुख पाई,दूजो तो मद मांस छुड़ाई।।
तीजो ब्याज पर धन न लेवो,चैथेे जुआ कभी नहीं खेलों।
पंचम माता-पिता री सेवा,छठे अभ्यागत हो देवा।
सात गुरु की आज्ञा पालो,आठों पर-हित मार्ग चालो।
नव पर नारी माता जाणो,दस कन्या को धरम परणाओ।
स्वार्थ काज न अकरम करना,गांठ इग्यारह सत्मारग चलना।
हाथ पुरुष और गले लुगाई,बांधों बेल कहो जय आई।
जय आई श्री अम्बे माई,देव दनुज सब तेरो यष गाई।
बेल आइ्र्र री बांधों भाई,नेम धरम सब पालो भाई।

जीजी (श्री आईमाताजी) द्वारा बताए गए नियम एवं उपदेष श्री आई माताजी ने कहा-जो इन नियमों का पालन करेगा,वो मेरा अनन्य भक्त होगा ओर मैं सदैव उसके साथ रहूंगा।
01 . किसी भी धर्म की निन्दा मत करना।
02 . चोरी जारी जीव हिंसा मत करना।
03 . दूसरी आत्मा को कष्ट मत पहुंचाना।
04 . षराब,मांस,अफीम आदि से सदा दूर रहना।
05 . समर्पण व एकनिष्ठ भाव से माता-पिता की सेवा करना।
06 . रुपया-पैसा लेकर बेटी की षादी मत करना। (कन्या को धरम परणाओ)
07 . साधु,सन्तों की सेवा करना और उनकी आज्ञा का पालन करना।
08 . वेद षास्त्र की निन्दा मत करना व निन्दा करने वालों के पास मत बैठना।
09 . झूठ वचन कभी नहीं बोलना।
10 . पराई स्त्री को मां-बहिन समान समझना।
11 . पाखण्ड मत करना व सदा पाखण्डियों से दूर रहना।
12 . किसी से ब्याज पर धन मत लेना।
13 . प्रातःउठकर धरती माता को तीन बार प्रणाम करना।
14 . पारोपकार करना व सदाचार का पालन करना।
15 . जुआ कभी भी नहीं खेलना।
16 . संध्या एकाग्रचित श्रद्धा भाव से ध्यान करना। घर में घी का दीपक जलाना और आई माता के दर्षन करना।
17 . धर्म का मार्ग मत छोड़ना।
18 . भोजन बनाकर मेरा स्माण कर प्रथम भोग लगाकर,भेाजन ग्रहण करना।
19 . चांदनी बीज का व्रत रखना।
20 . गुरु की आज्ञा का पालन करो।
21 . आई री बेल पुरुष के जीमणे हाथ एवं स्त्री के गले में बाधनें से मन चाहा कार्य पूर्ण होगा।

आईमाता द्वारा बताए गए उपरोक्त नियमों का पालन करने से निष्चित रुप से कल्याण होगा।

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