Monday, 18 September 2017

कवि मुकेश मोलवा-प्रस्तुति

PPपोरस के स्थान को सिकन्दर क्या छीन पायेगा ?
नदियो की शीतलता समन्दर क्या छीन पायेगा ?
छल कपट से भरे दोगले अवसरवादी सुन जरा,
हनुमान का अधिकार बन्दर क्या छीन पायेगा ?

#मुकेश_मोलवा_9893017703

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*गौ गंगा गायत्री गीता मठ मन्दिर की रक्षा का प्रण*🚩
*धर्मो रक्षति रक्षितः से जुड़े यह गौरव के क्षण।*🚩
*सेवा सुरक्षा संस्कार बजरंग दल का ध्येय है*🚩
*सन्गठन का कार्यकर्ता हनुमान कार्तिकेय है।*🚩
*विश्व गुरु भारत के स्वप्न को आश्वस्त करते है*🚩
*हाँ युवा जब हुंकारते बाबरी को ध्वस्त करते है।*🚩

*उक्त पंक्तियाँ अपने उद्बोधन में श्री मुकेश जी मोलवा (बजरंग दल प्रान्त विद्यार्थी प्रमुख) ने अपने उद्बोधन में कही। विहिप का आलीराजपुर जिला अभ्यास वर्ग आज सम्पन्न हुआ। साथ में विभाग संगठन मंत्री दीपक जी मकवाना, विभाग सह मंत्री महेश जी काग, विभाग सेवा प्रमुख गणपत जी गुप्ता, जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह जी मौर्य आदि उपस्थित रहे।*

*विश्व हिंदू परिषद जिला आलीराजपुर*🚩🚩🚩

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पृथ्वी गौरी के किस्से इन्हें समझ आते क्यों नही?
अतीत में खाये धोखे कभी भी सताते क्यों नही?
रोहिंग्या के लिये जो सड़को पर उतरकर आ गए
कश्मीरी पंडितो के लिये कुछ बोल पाते क्यों नही?

#मुकेश_मोलवा_9893017703

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#हिंदी_दिवस_पर

आखर खेल रहे हिन्दी माँ की गोद में,
शब्द लेते अंगड़ाई अर्थ के विनोद में।
भौर हुई पुनः अलंकार के उजास में,
नवरस उदित हुए साहित्य आकाश में।
कबीर तुलसी सूर जायसी भक्तिपावना,
केशव बिहारी भूषण रीति की भावना।
महादेवी निराला आधुनिक हरिऔध है,
नागार्जुन अज्ञेय कविता की नवपौध है।
काका का काव्य सुमन से अनुरागी भी,
कालिदास धरा से बालकवि बैरागी भी।
दिनकर ने दिखलाया पथ हरिओम को,
सत्तन ने दीप्त किया साहित्यव्योम को।
शब्द सामर्थ्य से हम नवीन सर्जना करे,
हिन्दी दे वरदान मुकेश सिंहगर्जना करे।

#मुकेश_मोलवा_9893017703

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अक्षर शब्द रस छंद अलंकार
सब के सब माँ तेरे ही उपहार।
मैं न कर्ता न कारक न कारण
लेशमात्र भी न आये अहंकार।

#मुकेश_मोलवा

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