*कभी कभी*.., *"मजबूत हाथों"* से पकड़ी हुई, *"उँगलियाँ"* भी छूट जाती हैं...; क्योकि *"रिश्ते"*ताकत से नहीं, *दिल से* निभाये जाते हैं...!!
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