Monday, 18 September 2017

सीरवी समाज एकता मंत्र

*सीरवी समाज एकता मंत्र*

*राठौड़ का दरबार हो ,काग की रियासत हो*

*सोलंकी का जोश हो,गहलोत की विजय हो*

*पंवार का राज हो, बर्फा का पानी हो*

*देवड़ा का प्रहार हो ,चोयल का संचल हो*

*भायल की समाज हो ,सेणसा का चरित्र हो*

*आगलेचा की गर्जना हो ,पडियार का रहम हो*

*होम्बड की राजनीती हो ,सिंदडा की अरज हो*

*चौहान की चतुराई हो ,सेपटा की बाजू हो*

*मुलेवा की ताकत हो ,लचेटा का जूनून हो*

*खांडला का कर्म हो ,सतपुरा की दयालुता हो*

*मोगरेचा का प्रेम हो ,परिहारिया की बुद्धि हो*

*लंबड़िया की सद्बुद्धि हो ,चांडीया का शन्तोष हो*
 
*तो पुरे हिन्दुस्थान पर सिरवीयो का राज होंगा*

*सिरवीयो की एकता हो*

*जय आई जी री सा*

*राकेश सीरवी राठौड़ चांगवा*

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