*सीरवी समाज एकता मंत्र*
*राठौड़ का दरबार हो ,काग की रियासत हो*
*सोलंकी का जोश हो,गहलोत की विजय हो*
*पंवार का राज हो, बर्फा का पानी हो*
*देवड़ा का प्रहार हो ,चोयल का संचल हो*
*भायल की समाज हो ,सेणसा का चरित्र हो*
*आगलेचा की गर्जना हो ,पडियार का रहम हो*
*होम्बड की राजनीती हो ,सिंदडा की अरज हो*
*चौहान की चतुराई हो ,सेपटा की बाजू हो*
*मुलेवा की ताकत हो ,लचेटा का जूनून हो*
*खांडला का कर्म हो ,सतपुरा की दयालुता हो*
*मोगरेचा का प्रेम हो ,परिहारिया की बुद्धि हो*
*लंबड़िया की सद्बुद्धि हो ,चांडीया का शन्तोष हो*
*तो पुरे हिन्दुस्थान पर सिरवीयो का राज होंगा*
*सिरवीयो की एकता हो*
*जय आई जी री सा*
*राकेश सीरवी राठौड़ चांगवा*
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