श्री आई माताजी से मानसिक वार्तालाप
1. हे आई माताजी! आप मुझे मुझसे अधिक जानते है । इसलिए मेरी इच्छा कभी पूर्ण न हो । आपकी इच्छा पूर्ण हो ।
2. हे आई माताजी! मेरे मन, वचन, कर्म से कभी भी किसी को भी किंचिन्मात्र दुःख न पहुँचे यह कृपा बनाये रखे ।
3. हे आई माताजी ! मैं कभी न पाप देखूँ, न सुनू और न किसी के पाप का बखान करूँ ।
4. हे आई माताजी! शरीर के सभी इन्द्रियों से आठो पहर केवल आपके प्रेरणा भरी लीला का ही आस्वादन करता रहूँ ।
5. हे आई माताजी! प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थिति में भी आपके मंगलमय विधान देख सदैव प्रसन्न रहूँ ।
6. हे आई माताजी! अपने ऊपर महान से महान विपत्ति आने पर भी दूसरों को खुशी दिया करू ।
7. हे आई माताजी! अगर कभी किसी कारणवश मेरे वजह से किसी को दुःख पहुँचे तो उसी समय उसके चरणों में पड़कर क्षमा माँग लू ।
8. हे आई माताजी! आठो पहर रोम रोम से आपके नाम का जप होता रहे ।
9. हे आई माताजी! मेरे आचरण आई पंथ व श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीरामचरितमानस के अनुकूल हो ।
10. हे आई माता जी ! हरेक परिस्थिति में आपकी कृपा के दर्शन हो ।
11. हे आई माताजी ! मे सदैव गुरु. माता- पिता .ओर बड़ो के सम्मान मे कमी न रहे !
🍃🍃जय श्री आई माताजी की 🍃🍃
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